हाथरस घटना में बस में रखे उन लोगों के शव जिनकी भगदड़ के दौरान मृत्यु हुई ।
हाथरस की घटना बढ़ी ही हैरान करने वाली है जहाँ एक बाबा का सत्संग सुने आई लोगों की भीड़ में इसलिए भगदड मच जाती है कि उन्हें बाबा के पैरों की धूल लेनी है जिसके चलते 100 से अधिक लोग अपनी जान गवा बैठते हैं।
आज के इस आधुनिक युग में भी कुछ लोगों के जहन मे अंधविश्वास कितना घर कर गया है ये सोचने वाली बात है इस तरह की घटना पहले भी होती रही हैं जब किसी बाबा ने स्वयं को परमात्मा का अंश बताकर लोगो की आस्था के साथ खिलबाढ़ किया हो। इन घटनाओ से पता चलता हैं की हिंदू धर्म को मानने वाले कुछ लोगो मे गुरु को लेकर कितना भटकाव हैं और ये हालत तब हैं जबकि गुरु के विषय पर जिसमे एक अच्छे और सच्चे गुरु की पहचान से लेकर , गुरु के लक्षण तक की बातें हिंदू धर्म में इतनी प्रखरता से कहीं गयी हैं, गुरु बनाने की प्रक्रिया को सतर्कता के साथ जोड़ा गया है क्योंकि मित्र और गुरु ये ऐसे रिश्तें हैं जो मनुष्य खुद बनाता है ,बढ़ी जाँच पड़ताल करके गुरु बनाना चाहिए क्योकि गुरु आपको आपके ईश्वर से मिलता है ऐसे लोगो को गुरु की संज्ञा नही दी जानी चाहिए जो आपको आपके ईश्वर से ही यह कह कर अलग कर दे की वे ही तुम्हारे ईश्वर हैं । लोगों ने ऐसे बाबाओ को चमत्कार से जोड़ लिया है और ये ऐसे गृरु हैं जो व्यक्ति के कर्म को चमत्कार के बाद रखते हैं। व्यक्ति के जीवन में सुख दुःख उसके खुद के कर्मो के फल स्वरूप आते हैं, अपने ईश्वर में विश्वास रखें कर्म का सिद्धांत हैं कि कर्म फल सबको भोगना पढ़ता हैं। आज जीवन में दुःख है तो कल सुख भी होगा।
Write a comment ...